एक सबकहम ऊँचे नहींऊँचा है रबकब किस से मिला जाता हैरिश्ते मीठे बना जाता हैपता नहीं हर मुलाकात के शायद मतलब नहीं होते हैं ज़ज्बात, मुस्कुराहट,आंखें और चेहरे की चमक... कहाँ कहती हैं सचझूठ भी नहीं कहती हैं वैसे बस कुछ चीजें 'अपनी' हैंऔर कुछ 'अपनी है ही नहीं'.बस गलती से अपनी लग जाती है … Continue reading Apne lag jaate hain kabhi kabhi