अहंकार एक ऐसी दीमक है
जो खा जाती है सद्बुध को।।
वो तैर कर भी डूब गये
जिन्हें ख़ुद पर गुमान था
वो डूब कर भी तर गये
मेरे मालिक
जिन पर तू मेहरबान था…।।
अहंकार एक ऐसी दीमक है
जो खा जाती है सद्बुध को।।
वो तैर कर भी डूब गये
जिन्हें ख़ुद पर गुमान था
वो डूब कर भी तर गये
मेरे मालिक
जिन पर तू मेहरबान था…।।