क्या थी वजह आखिर
जो साहब को कहना पड़ा इस कदर
कि “दम है तो गैर गाँधी अध्यक्ष बना कर दिखाए काँग्रेस पार्टी”
आप एक गरिमा मयी पद पर हैं, राष्ट्र के मुखिया हैं आप, तो आपको इस प्रकार का बयान देने से बचना होगा। ये कहीं आपकी खीज या बौखलाहट को तो नहीं दर्शाता कहीं।
ज्ञात हो कि अमुक दल में अब तक अनेक नाम ऐसे भी हुए हैं जो दूर दूर तक गाँधीजी के परिवार से कोई रक्त संबंध नहीं रहा ।
क्या होगा यदि विपक्ष से कोई आवाज़ लगाए कि दम हो यदि तो अपना PM बदल कर दिखाएँ। यह कोरी भभकी ही होगी।
अतः इस तरह की किसी भी बयानबाज़ी से बचना हितकर होगा।
क्या ऊहापोह है,,
क्या विडम्बना है…