दिल पूछता है बार बार अब
होकर बेकरार और बेसबब
दिल पूछता है बार बार अब
नई सुबह कभी आएगी भी?
रात ये कटेगी कब..??
होकर बेकरार बेसबब
दिल पूछता है बार बार अब . . .
कह देते हैं हम भी यूँही अब
बाकायदा ओ बाअदब
रात ये कट ही जाएगी
जब चाहेगा मेरा रब।
दिले नादान क्यूँ पूछता है
होकर इस कदर बेसबब…
प्रीत जहाँ सच्ची हो तो
होना पड़ेगा उसे तलब
ले नाम पुकार तू उसे
ज़हन में ला, खोल ये लब
दिले नादाँ क्यों पूछता है
यूँ होके इस कदर बेसबब
दिले नादाँ क्यों पूछता है
होके इस कदर बेसबब…