14 नवम्बर यूँ तो बचपन से बाल दिवस के रूप में ही मनाते आए हैं, जो चाचा नेहरू (प्रथम प्रधानमंत्री, पण्डित जवाहर लाल नेहरू जी) का जन्मदिवस है, जिसे उन्होंने बच्चों के प्रति समर्पित किया। अतः यह दिन बाल दिवस (बच्चों को समर्पित दिन) के रूप में मनाया जाने लगा।
चाचा नेहरू ने जब राष्ट्र की बागडोर संभाली तब देश में बड़ी समस्या थी भुखमरी, गरीबी और बेरोज़गारी की, क्योंकि सोने की चिड़िया माने जाने वाले भारतवर्ष को सैकड़ों वर्षों तक ग़ुलाम बना कर अंग्रेज़ों ने खोखला कर दिया था। ऐसी परिस्थिति में हिम्मत और बुद्धिमता का परिचय देते हुए चाचा नेहरू ने तमाम जनता (राष्ट्र के समस्त नागरिकों) के पालन पोषण का ज़िम्मा उठाते हुए प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
उन्होंने सभी को (विभिन्न धर्म, समुदाय के लोगों को) जोड़ कर रखा। उन दिनों दंगे आम बात थे। ऐसे में वे स्वयम् उन दंगों वाली जगहों पर जाते, और भाईचारा स्थापित कराते। उनका यही गुण उन्हें औरों से अलग व ख़ास बनाता था।
ऐसी महान् विभूति का आज जन्मदिवस है । क्यों न आज के दिन हम भी शपथ लें कि हम भी राष्ट्र की एकता व अखण्डता का मान रखेंगे, भाईचारे की भावना से युक्त होकर सच्चे भारतीय बनेंगे, और माँ भारती का सिर गर्व से सदा ऊँचा करेंगे…।।
जय हिंद जय भारत