यूँ तो नवम्बर 8
होता है जन्मदिन आडवाणी साहब का
पर इस तथा कथित चौकीदार ने
मान सम्मान सब छीन लिया आडवाणी साहब का।।
इतने पाक ख़ास दिन को
कर दिया पूरा काला
छीन तो लिया सब मान उनका
और छीन लिया निवाला ।।
कि इतने पाक जन्म वाले दिन को
कर दिया क्यूँ काला…
लोगों को तो याद आती है नानी
इनको याद दिला दी खाला।।
के इतने पाक साफ़ दिन को
कर दिया क्यूँ काला…
# इनकी बढ़ोत्तरी और तरक्की में
जैसे जड़ दिया इक बहुत बड़ा ताला
के इतने पाक साफ़ दिन को
कर दिया क्यूँ काला…
# लोगों के तो पैरों में हैं पड़ता,
पर इनके तो मुँह में पड़ा दिया छाला,
के इतने पाक साफ़ दिन को
कर दिया क्यूँ काला…
# लोगों के दिल ओ दिमाग से
जैसे निकाल दिया जाला
के इतने खास खास दिन को
कर दिया क्यूँ काला…
लोग तो हैं छोटा गड्ढा खोदते
आपने तो खोद दिया बहुत बड़ा नाला
के इतने पाक ओ खास दिन को
कर दिया क्यों काला…
यूँ तो होते हैं मुर्गे हलाल
पर इनका तो कर दिया हलाला।
के इतने पाक ओ ख़ास दिन को
कर दिया क्यूँ काला…
नोटबंदी जिस दिन करी गई, वो दिन था नवंबर 8 2016 जो एक राष्ट्रीय दल की नींव रखने वाले, भीष्म पितामह माने जाने वाले आदरणीय लालकृष्ण जी आडवाणी का जन्मदिवस भी है,
अतः ऐसे ख़ास व्यक्ति के जन्म वाले दिन को नोटबंदी जैसी विध्वंसक घोषणा के लिए चुना जाना हैरान करता है, और साहब (स्वघोषित ‘देश के चौकीदार’) की नीयत पर भी कई सवाल उठाता है…
Black day in Indian history
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Yes,, exactly…
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