तुम बिन
क्या करें
कैसे जियें
तुम बिन
अब तो गुज़रती
नहीं रात
मुश्क़िल से
गुज़रते हैं अब दिन
तुम बिन
क्या करें
कैसे जियें
तुम बिन
तुम बिन
क्या करें
कैसे जियें
तुम बिन
अब तो गुज़रती
नहीं रात
मुश्क़िल से
गुज़रते हैं अब दिन
तुम बिन
क्या करें
कैसे जियें
तुम बिन