लड़कपन कि वो पहली- पहली याद है,
मेरा वो पहला पहला प्यार है।
मेरी पहली तो नही पर हाॅ एक ताजी सी याद है,
वो कुछ और नही मेरे पहले प्यार कि शुरूआत है।
उस वक्त मैहज 14-15 साल कि छोटी बच्ची ही थी मै,
प्यार क्या है वो बस फिल्मो मे ही देखा करती थी मै ,
पर फिर भी मूझे ना जाने कैसे तूझसे इक्करार होने लगा था।
हालाकी ये तेरी -मेरी उन अन्नगीन्त मुलाकातो जैसी ही एक मुलाकात थी,
पर उस दिन शायद तेरी जरूरत मूझे कुछ जादा ही थी।
तब से तूझे मैने मेरी जिन्दगी में थोडा जादा ही मिल लिया है,
क्योकी तेरी महक मैं मेरी हर परेशानी को दूर करने का राज़ छुवा रखा है।
शायद उस वक़्त लोगो के पास टाइम काम था,
इसीलिए मैंने तुझे अपने लिए चुन लिया था।
याद है मुझे मैं कैसे तुझसे चुप चुप कर मिला करती थी,
कही और नही तुझे अपने रूम में ही छुवा कर रखा करती थी।
आज तो इस कदर बेशर्म बन चुकी हूं,
की तुझे सारे आम ही अपने लबो से मिला लिया करती हूं।
किसी को मेरी कहानी मैं कह दिलचसबी हुआ करती थी,
तू ही तो है वो जिसे मैं अपने हर राज़ बोलै करती थी।
ठंड हो या गर्मी का मूसम तुझे पकड़ने के बाद सुखोन मिलता है,
आज भी तुझे पाकर मन खुशी से झूम उठता है।
अब तो मम्मी भी बहुत बार बोल दिया करती है,
किसी और को भी देखा कर अपनाया कर,
अरे पगली
अपने दांतों का तो धयान दिया कर ,
चॉकलेट ज़्यादा न खाया कर।
पर क्या करूँ तू है ही इतनी मिट्टी और प्यारी ,
की तुझसे दूर रहने का मन ही नही मानता है,
तुझे बिना पाए मुझे अब चैन नही आता है।
इसीलिए तुझे अब खरीदने की जगह ,
बनाने मे ज़्यादा मज़ा आता है।
–नेहा असावा
Nice to see you
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खूबसूरती से लिखा गया है।
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Maar khaegi neha….!!!☺☺☺☺
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Last two words typo error
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Lovely post angel. I know now what to gift you now uthati hai😂😂
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Your post is as sweet as chocolate . L
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