- माँ क्या है
माँ तू मेरी जिन्द है, तू मेरी जान है
हर बार हर जगह मेरी इक तू ही तो पहचान है
जो कहते हैं जहान में, सब हम ही हैं करते
शायद वो तेरे वास्तविक स्वरूप से अब तक अनजान हैं..
- यूँ तो ये जहाँ है इक मुसाफ़िरख़ाना
हर कोई यहाँ चार दिनों का ही मेहमान है
रहम कर, दे सभी को तू नेकियाँ
कि जगाना तुझे ही सभी का ईमान है..
- किसी को इल्म,किसी फ़न का बड़ा गुमान है
“मगर मेरे लिए तो हर बार, हर कदम इक तू ही तो मेहरबान है
कभी दिया था तूने समंदर में रास्ता हज़रत मूसा को
“आज ये दास, ये ख़ादिम तेरा वोही दरबान है..
3. सुने हैं किस्से तेरे ज़र्रानवाज़ी के सभी ने
के ख़ुद से जोड़ के इस नाचीज़ को तूने कर दिया महान है
वरना तो ऐसे झूठे भी इस जगत ने हैं देखे
जो बनते सत्यपाल, सत्या और सत्यभान हैं..
4. मैं क्या मांगूँ, क्या अर्ज़ करूँ मैं
हर पल की मेरे, तुझे बराबर पहचान है
किसी को होंगे सहारे हज़ार बेशक
पर मेरा तो तू ही गुज़ारा, तू ही मेरा गुज़रान है..
5. वाहिगुरु तू,, है ईसा तू ही
तू ही राम, तू मीरा का श्याम है
हज़रत तू, नबी है तू ही
‘तू ही मेरी इबादत, तू मेरा ईमाम है..
- किया रास हर कारज तूने
बनाया तूने हर बिगड़ा काम है
जितने पैग़म्बर हुए हैं अब तक
” सुनाया सभी ने इक तेरा ही तो पैग़ाम है..
7. ‘आशुसुधा’ भी हैं चाकर तेरे
तुझसे रौशन इनका सकल जहान है
कर रहमत रखना संग सदा अपने
तेरे सिवा मिलना कहीं न स्थान है . . . !!!
सृष्टि का सृजन होता है माँ से
माँ ही होती आधार, माँ ही प्राण हैँ
माँ से ही है पालन और रक्षण भी है माँ से
माँ के आशीष से ही बच्चे की आन बान शान है...
Waaaahhh…… You are a very professional writer…. Nice to have you here
LikeLiked by 1 person
Thanks
LikeLiked by 1 person
I want to know… Is it writings mistake… Or.. You gave number 1,3,4 instead of 1,2,3
LikeLike
सृष्टि का सृजन होता है माँ से
माँ ही होती आधार, माँ ही प्राण हैँ
माँ से ही है पालन और रक्षण भी है माँ से
माँ के आशीष से ही बच्चे की आन बान शान है
behtarin likha hai……
maa ka duniyan men koyee jod nahi hai,
LikeLiked by 2 people
धन्यवाद 🙏🙏
LikeLiked by 1 person