अगर मखमली बदलो पर घर होते तो मतलबी कहाँ हम होते रेशमी धूप के संग मुफ्त में मुस्कुरा लेते तारो के साथ मुफ्त में जी भर के चमचमा लेते फिर कहाँ मतलबी सड़को पे ट्राफिक के साथ दिल जला रे होते मखमली ख्वाब मखमली दुनिया में सजा रे होते अगर बादलो पे घर होते बेमतलब … Continue reading अगर मखमली बदलो पर घर होते,तो मतलबी कहाँ हम होते ।
Day: July 26, 2017
सुकून वाली सांस हो
खामोशी तुम,मदहोशी तुम, ताकत तुम,अंदाज़ तुम, तुम ही तो साज़ हो, अल्फ़ाज़ भी तुम, दवात भी तुम, लिख रहीं हु जो, तुम वही मेरी किताब हो, तुम ज़िन्दगी नहीँ हो मेरी, तुम सी सरल होती काश, पेचीदा है ये ज़िन्दगी, इसीलिये ज़िन्दगी नहीं तुम तुम तो बिल्कुल सरल, हवाओ की तरह तुम तो बस मेरी … Continue reading सुकून वाली सांस हो
अनुभव
आँखो में तजुरबा देखा हाथो में देखी निडरता कदमों में साहस देखा आवाज़ में देखी दृणता मुस्कान में भी हौसला था हँसी में थी संघर्षों में तपी लौ अनुभव की दुनिया परिपक्क है देख के सम्हाल के चलो कच्चे हो अगर तो बस अभी खुल कर सांसे लो अनुभव भी मिल जाएगा सांसो की आवाजों … Continue reading अनुभव