नज़रो से जैसे काजल चुरा लिया
न जाने कैसे तुमने
चोरी से अपना बना लिया
कोशिश अटल ‘ना’ कि थी
पर विश्वास दे कर ‘ना’ को ‘हाँ’
में तुमने प्यार से बदल लिया
मर्ज़ी को अपनी
मेरी मर्ज़ी में बदल दिया
क्या खूबसूरत एहसास दे दिया
प्यार से छू भी लिया
और दर्द भी नहीं दिया
वादे भी नहीं किये
और वफ़ाओ की कमी भी नहीं की
ज़मी भी नहीं ली
और आसमान की शैर भी करा दी
नज़रो से जैसे काजल चुरा लिया
न जाने कैसे तुमने
चोरी से अपना बना लिया
Happy reading readers
Yours loving warrior
Naina
So beautiful lines
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Thank you ruchi
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Wonderful 👌👌👍💛
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Thank you
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