आधे थे हम,अकेले में काली रात से घबरा बैठे
फिर पता चला जिससे घबरा रहे थे,
उसे भी पूर्णिमा का इंतज़ार था
पूरा होने का हमारी ही तरह रात को भी इंतज़ार था
फिर क्या हम आपस में ही नज़रें मिला बैठे
काली रात को भी गले से लगा बैठे
Happy reading
Yours loving warrior
Naina
Wah
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thx rohit
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Nice one….
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ty 💕😇😁
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